Trump’s stubbornness took life out of dollar, never thought that rupee will be so powerful.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जिंद और टैरिफ वॉर ने डॉलर को लगातार चोट पहुंचा रहा है. आंकड़ों को देखें तो डॉलर इंडेक्स 3 साल के लोअर लेवल पर पहुंच गया है. जानकारों की मानें तो डॉलर इंडेक्स आने वाले दिनाकें में 95 के लेवल पर पहुंच सकता है. वहीं दूसरी ओर डॉलर की गिरावट को संभालने के लिए अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व को सामने आना पड़ सकता है. वहीं दूसरी ओर रुपए में शानदार तेजी सिलसिला जारी है. लगातार 5वें दिन रुपए में तेजी देखने को मिल रही है. इस दौरान रुपए में 1.60 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. जानकारों की मानें तो रुपया 82 से 83 के बीच जाते हुए और मजबूत हो सकता है.

अगर बात सोमवार की करें तो शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 33 पैसे बढ़कर 85.05 पर पहुंच गया, क्योंकि ट्रंप के टैरिफ को लेकर चिंता के कारण डॉलर इंडेक्स तीन साल के निचले स्तर पर आ गया. फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि घरेलू इक्विटी में पॉजिटिव रुझान और विदेशी फंड के प्रवाह ने निवेशकों की भावनाओं को बढ़ावा दिया. व्यापारियों ने कहा कि घरेलू संकेतकों और बदलते वैश्विक ज्वार के कारण पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में भारतीय रुपए में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसने रुपये को स्थिर रखा है, भले ही प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्थाओं के आसपास अनिश्चितता घूम रही हो. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर करेंसी मार्केट में किस तर​ह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.

रुपए में लगातार 5वें दिन तेजी

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.15 पर ओपन हुआ और फिर शुरुआती सौदों में डॉलर के मुकाबले 85.05 तक बढ़ गयात्र जो पिछले क्लोजिंग लेवल से 33 पैसे ज्यादा है. गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26 पैसे बढ़कर 85.38 पर बंद हुआ. गुड फ्राइडे के कारण शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था. वैसे बीते चार कारोबारी दिनों और आज की तेजी को मिलकर रुपए में डॉलर के मुकाबले में 160 पैसे ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. जानकारों की मानें तो अगर डॉलर इंडेक्स 95 के लेवल पर पहुंच सकता है तो रुपया भी 82-83 के लेवल पर पहुंच सकता है.

इस 9 फीसदी डूबा डॉलर इंडेक्स

इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.92 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.31 पर कारोबार कर रहा था. अमेरिकी डॉलर लगातार दबाव का सामना कर रहा है, डॉलर इंडेक्स (DXY) में इस साल अब तक 9 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. यह इस बढ़ती उम्मीद को दर्शाता है कि फेडरल रिजर्व को अंततः बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा कि जबकि फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने सतर्क रुख बनाए रखा है, तत्काल दरों में कटौती नहीं करने का संकेत दिया है, बढ़ते राजनीतिक दबाव – विशेष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से – विकास को समर्थन देने के लिए कम दरों पर जोर दे रहे हैं.

रुपए में और आ सकती है तेजी

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.47 प्रतिशत गिरकर 66.96 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. पबारी ने कहा कि भारत में मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार, स्थिर महंगाई और प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों की पेशकश के साथ, रुपया तेजी से इस ग्लोबल रीसेट का लाभार्थी बन रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में रुपए डॉलर की जोड़ी 85.00-85.50 रेंज के भीतर कारोबार करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि 85 से नीचे एक निर्णायक ब्रेक रुपए में और तेजी ला सकता है.

शेयर बाजार में शानदार बढ़त

घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 482.87 अंक या 0.61 प्रतिशत बढ़कर 79,036.07 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 146.85 अंक या 0.62 प्रतिशत बढ़कर 23,998.50 पर पहुंच गया. एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध आधार पर 4,667.94 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इस बीच, रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.567 अरब डॉलर बढ़कर 677.835 अरब डॉलर हो गया. यह लगातार छठा सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. 4 अप्रैल को समाप्त पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 10.872 अरब डॉलर बढ़कर 676.268 अरब डॉलर हो गया था.

Leave a Comment